तेरे होंठों के दो फूल प्यारे प्यारे मेरे प्यार की बहारों के नज़ारे अब मुझे चमन से क्या लेना, क्या लेना तेरी आँखों के दो तारे प्यारे प्यारे मेरी रातों के चमकते सितारे अब मुझे गगन से क्या लेना, क्या लेना तेरी काया कंचन कंचन, किरणों का है जिसमें बसेरा तेरी साँसें महकी महकी, तेरी ज़ुल्फों में खुशबू का डेरा तेरा महके अंग अंग, जैसे सोने में सुगंध मुझे चंदनबन से क्या लेना, क्या लेना मैने देखा जबसे तुझको मेरे सपने हुये सिंदूरी तुझे पा के मेरे जीवनधन, हर कमी हुई मेरी पूरी पिया एक तेरा प्यार, मेरे सोलह सिंगार मुझे अब दर्पन से क्या लेना, क्या लेना तेरा मुखड़ा दमके चमके, जैसे सागर पे चमके सवेरा तेरी बाँहें प्यार के झूले, तेरी बाँहों में झूले मन मेरा तेरी मीठी हर बात, रस की है बरसात हमें अब सावन से क्या लेना, क्या लेना हमें क्या लेना, क्या लेना#Rakhee #SanjeevKumar
Tere honthhon ke do ful pyaare pyaare Mere pyaar ki bahaaron ke najaare Ab mujhe chaman se kya lena, kya lena Teri ankhon ke do taare pyaare pyaare Meri raaton ke chamakate sitaare Ab mujhe gagan se kya lena, kya lena Teri kaaya knchan knchan, kiranon ka hai jisamen basera Teri saansen mahaki mahaki, teri julfon men khushabu ka dera Tera mahake ang ang, jaise sone men sugndh Mujhe chndanaban se kya lena, kya lena Maine dekha jabase tujhako mere sapane huye sinduri Tujhe pa ke mere jiwanadhan, har kami hui meri puri Piya ek tera pyaar, mere solah singaar Mujhe ab darpan se kya lena, kya lena Tera mukhada damake chamake, jaise saagar pe chamake sawera Teri baanhen pyaar ke jhule, teri baanhon men jhule man mera Teri mithhi har baat, ras ki hai barasaat Hamen ab saawan se kya lena, kya lena Hamen kya lena, kya lena
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