ज़िंदगी बेबस हुई है, बेकसी का साथ है एक हम हैं इस कफ़स में या ख़ुदा की जात है | ओ आसमान वाले शिकवा है ज़िंदगी का सुन दास्तान ग़म की अफसाना बेबसी का | तू देखता रहे और दूनिया हमे सज़ा दे क्या जुर्म है मोहब्बत इतना ज़रा बता दे मंज़िल पे क्यों लूटा है हर कारवां खुशी का || इतनी सी इल्तजा है तुझसे मेरे दुआ की अल्लाह शर्म रखना दूनिया में तू वफा की होता है मौत ही तो अंजाम ज़िंदगी का ||#BinaRai
Zindagi bebas hui hai, bekasi ka saath hai Ek ham hain is kafas men ya khuda ki jaat hai | O asamaan waale shikawa hai zindagi ka Sun daastaan gam ki afasaana bebasi ka | Tu dekhata rahe aur duniya hame saza de Kya jurm hai mohabbat itana zara bata de Mnzil pe kyon luta hai har kaarawaan khushi ka |a| Itani si iltaja hai tujhase mere dua ki Allaah sharm rakhana duniya men tu wafa ki Hota hai maut hi to anjaam zindagi ka |a|
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Madhavi Ganpule
Manjusha Sawant