भली भली सी एक सूरत, भला सा एक नाम धड़कन है मेरे दिलकी, सुबह हो या शाम कौन है वो दिलरुबा, कहो ना हमसे ज़रा तुम हो वो दिलरुबा हुई मेरे भी जिया की चोरी हाँ उस चोर की शक्ल है गोरी हो गया मिलना बहोत ज़रूरी फिर सुनो तो आगे हमारे दिल की मजबूरी वो जो मेरे करीब आया, मेरे तन पे पड़ा जो साया यूँ समझो ना गले लगाया तब से सोती हूँ जागती हूँ, लेके उसका नाम कौन है वो दिलरुबा, कहो ना हम से ज़रा तुम हो वो दिलरुबा हाए मुश्किल है मेरा भी जीना सोचूँ तो आता है पसीना कल मैने देखी अजब हसीना प्यार में उसके धड़के मेरा दिल, जलता है सीना पास वो आई बड़ी अदा से बोली क्यो हो खफा खफा से हम भी थे एक नज़र के प्यासे दिल पे उसने जो हाथ रखा, आ गया आराम कौन है वो दिलरुबा, कहो ना हम से ज़रा तुम हो वो दिलरुबा#NavinNischol #Archana #HrishikeshMukherjee
Bhali bhali si ek surat, bhala sa ek naam Dhadkan hai mere dilaki, subah ho ya shaam Kaun hai wo dilaruba, kaho na hamase jra Tum ho wo dilaruba Hui mere bhi jiya ki chori Haan us chor ki shakl hai gori Ho gaya milana bahot jruri Fir suno to age hamaare dil ki majaburi Wo jo mere karib aya, mere tan pe pada jo saaya Yun samajho na gale lagaaya Tab se soti hun jaagati hun, leke usaka naam Kaun hai wo dilaruba, kaho na ham se jra Tum ho wo dilaruba Haae mushkil hai mera bhi jina Sochun to ata hai pasina Kal maine dekhi ajab hasina Pyaar men usake dhadke mera dil, jalata hai sina Paas wo ai badi ada se Boli kyo ho khafa khafa se Ham bhi the ek najr ke pyaase Dil pe usane jo haath rakha, a gaya araam Kaun hai wo dilaruba, kaho na ham se jra Tum ho wo dilaruba
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