जा रे, जा रे उड़ जा रे पंछी बहारों के देश जा रे, यहाँ क्या है मेरे प्यारे के उजड़ गयी बगियाँ मेरे मन की ना डाली रही ना कली, अजब ग़म की आँधी चली उडी दुःख की धूल राहों में जा रे, ये गली है बिरहन की, बहारों के देश जा रे मैं बीना उठा ना सकी, तेरे संग गा ना सकी ढले मेरे गीत आहों में जा रे, ये गली है असुअन की, बहारों के देश जा रे#MalaSinha #DevAnand
Ja re, ja re ud ja re pnchhi Bahaaron ke desh ja re, yahaan kya hai mere pyaare Ke ujad gayi bagiyaan mere man ki Na daali rahi na kali, ajab gm ki andhi chali Udi duhkh ki dhul raahon men Ja re, ye gali hai birahan ki, bahaaron ke desh ja re Main bina uthha na saki, tere sng ga na saki Dhale mere git ahon men Ja re, ye gali hai asuan ki, bahaaron ke desh ja re
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