तू हुस्न है मैं इश्क़ हूँ, तू मुझमें है मैं तुझमें हूँ मैं इससे आगे क्या कहूँ, तू मुझमें है मैं तुझमें हूँ ओ सोनिये, ओ मेरे महिवाल आ जा ओय आ जा पार नदी के मेरे यार का डेरा तेरे हवाले रब्बा दिलबर मेरा रात बला की बढ़ता जाए लहरों का घेरा क़सम ख़ुदा की आज है मुश्किल मिलना मेरा खैर करी रब्बा रब्बा खैर करी रब्बा साथ जिएँगे, साथ मरेंगे, यही है फ़साना तू हुस्न है मैं इश्क़ हूँ, तू मुझमें है मैं तुझमें हूँ मैं इससे आगे क्या कहूँ, तू मुझमें है मैं तुझमें हूँ कहाँ सलीम का रूतबा कहाँ अनारकली ये ऐसी शाख़-ए-तमन्ना है जो कभी न फली न बुझ सकेगी बुझाने से अहल-ए-दुनिया के वो शम्मा जो तेरी आँखों में, मेरे दिल में जली हुज़ूर एक न एक दिन ये बात आएगी कि तख़्त-ओ-ताज भले हैं कि एक कनीज़ भली मैं तख़्त-ओ-ताज को ठुकरा के तुझको ले लूँगा कि तख़्त-ओ-ताज से तेरी गली की ख़ाक भली साथ जिएँगे साथ मरेंगे यही है फ़साना तू हुस्न है मैं इश्क़ हूँ, तू मुझमें है मैं तुझमें हूँ मैं इससे आगे क्या कहूँ, तू मुझमें है मैं तुझमें हूँ फ़सीलें इतनी ऊँची और पहरा इतना संगीं है जियाले रोमियो तू किस तरह पहुँचे बग़ीचे में ये मेरी जूलियट के शोख़ चेहरे की शुआएँ हैं कि आधी रात को सूरज निकल आया दरीचे में मेरा कोई अज़ीज़ इस जा तुझे पा ले तो फिर क्या हो ये सब बातें वो क्यों सोचें जिसे तेरी तमन्ना हो खुदा के वास्ते ऐ रोमिओ इस ज़िद से बाज़ आ जा क़ज़ा आने से पहले मेरे पास ऐ दिलनवाज़ आ जा तुझे ज़िद है तो प्यार देख मैं दीवानावार आई तू जब बाँहों में आई दिल की दुनिया में बहार आई साथ जिएँगे साथ मरेंगे, यही है फ़साना तू हुस्न है मैं इश्क़ हूँ, तू मुझमें है मैं तुझमें हूँ मैं इससे आगे क्या कहूँ, तू मुझमें है मैं तुझमें हूँ#SunilDutt #Mumtaz #Vimi #BRChopra
Tu husn hai main ishq hun, tu mujhamen hai main tujhamen hun Main isase age kya kahun, tu mujhamen hai main tujhamen hun O soniye, o mere mahiwaal A ja oy a ja Paar nadi ke mere yaar ka dera Tere hawaale rabba dilabar mera Raat bala ki baढ़ata jaae laharon ka ghera Qasam khuda ki aj hai mushkil milana mera Khair kari rabba rabba khair kari rabba Saath jienge, saath marenge, yahi hai fasaana Tu husn hai main ishq hun, tu mujhamen hai main tujhamen hun Main isase age kya kahun, tu mujhamen hai main tujhamen hun Kahaan salim ka rutaba kahaan anaarakali Ye aisi shaakh-e-tamanna hai jo kabhi n fali N bujh sakegi bujhaane se ahal-e-duniya ke Wo shamma jo teri ankhon men, mere dil men jali Huzur ek n ek din ye baat aegi Ki takht-o-taaj bhale hain ki ek kaniz bhali Main takht-o-taaj ko thhukara ke tujhako le lunga Ki takht-o-taaj se teri gali ki khaak bhali Saath jienge saath marenge yahi hai fasaana Tu husn hai main ishq hun, tu mujhamen hai main tujhamen hun Main isase age kya kahun, tu mujhamen hai main tujhamen hun Fasilen itani unchi aur pahara itana sngin hai Jiyaale romiyo tu kis tarah pahunche bagiche men Ye meri juliyat ke shokh chehare ki shuaen hain Ki adhi raat ko suraj nikal aya dariche men Mera koi aziz is ja tujhe pa le to fir kya ho Ye sab baaten wo kyon sochen jise teri tamanna ho Khuda ke waaste ai romio is zid se baaz a ja Qaza ane se pahale mere paas ai dilanawaaz a ja Tujhe zid hai to pyaar dekh main diwaanaawaar ai Tu jab baanhon men ai dil ki duniya men bahaar ai Saath jienge saath marenge, yahi hai fasaana Tu husn hai main ishq hun, tu mujhamen hai main tujhamen hun Main isase age kya kahun, tu mujhamen hai main tujhamen hun
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