मुझे तेरी वफ़ा का सहारा मिल जाए तो ज़िन्दगी मिल जाएगी मेरी डूबी सी कश्ती को किनारा मिल जाए तो ज़िन्दगी मिल जाएगी तुम्हें माँगा दुआ में तू शामों में सुबह में मैं तेरा हूँ मुलाज़िम तू शामिल है ख़ुदा में मेरे मेहताब तेरा नज़ारा मिल जाए तो ज़िंदगी मिल जाएगी नहीं चाहा मुझे किसी ने ना अपना बनाया है तू मुझे लगता है किस्मत से मेरे हिस्से में आया है मुझे अब मेरे हिस्से की खुशियाँ मिल जाएँ तो ज़िंदगी मिल जाएगी बड़ा मासूम था दिल मेरा कितनों ने दुखाया है हाँ बहोत रोया ये छुप छुप के तुमने आ के हँसाया है मेरी काली सी रातों को सितारा मिल जाए तो ज़िंदगी मिल जाएगी तुम्हें माँगा दुआ में तू शामों में सुबह में मैं तेरा हूँ मुलाज़िम तू शामिल है ख़ुदा में मेरे महताब तेरा नज़ारा मिल जाए तो ज़िंदगी मिल जाएगी
Mujhe teri wafa ka sahaara mil jaae to Zindagi mil jaaegi Meri dubi si kashti ko kinaara mil jaae to Zindagi mil jaaegi Tumhen maanga dua men Tu shaamon men subah men Main tera hun mulaazim Tu shaamil hai khuda men Mere mehataab tera nazaara mil jaae to Zindagi mil jaaegi Nahin chaaha mujhe kisi ne na apana banaaya hai Tu mujhe lagata hai kismat se mere hisse men aya hai Mujhe ab mere hisse ki khushiyaan mil jaaen to Zindagi mil jaaegi Bada maasum tha dil mera kitanon ne dukhaaya hai Haan bahot roya ye chhup chhup ke tumane a ke hnsaaya hai Meri kaali si raaton ko sitaara mil jaae to Zindagi mil jaaegi Tumhen maanga dua men tu shaamon men subah men Main tera hun mulaazim tu shaamil hai khuda men Mere mahataab tera nazaara mil jaae to Zindagi mil jaaegi
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