अगर तुम मिल जाओ ज़माना छोड़ देंगे हम तुम्हें पाकर ज़माने भर से रिश्ता तोड़ देंगे हम तुम्हें दिल में रखेंगे अपनी पलकों में छुपा लेंगें तुम खुशबू समझ के अपनी सांसों में बसा लेंगे कयामत तक जो ना टूटे वो रिश्ता जोड़ देंगे हम बदन के साये जान-ए-मन तुम्हारे रंग में रंग डाले जुदा क्या कर सकेंगे तुमको मुझसे ये जहांवाले मोहब्बत की कसम तक़दीर का रुख मोड़ देंगे हम ना तो तुम जिसमे शामिल वो बहारें हम नहीं लेंगे तुम्हारी नाम पे ये दिल तो क्या है जान भी देंगे नज़र जिसमें न तुम आये वो शीशा तोड़ सनेगे हम
Agar tum mil jaao zamaana chhod denge ham Tumhen paakar zamaane bhar se rishta tod denge ham Tumhen dil men rakhenge apani palakon men chhupa lengen Tum khushabu samajh ke apani saanson men basa lenge Kayaamat tak jo na tute wo rishta jod denge ham Badan ke saaye jaan-e-man tumhaare rng men rng daale Juda kya kar sakenge tumako mujhase ye jahaanwaale Mohabbat ki kasam taqadir ka rukh mod denge ham Na to tum jisame shaamil wo bahaaren ham nahin lenge Tumhaari naam pe ye dil to kya hai jaan bhi denge Nazar jisamen n tum aye wo shisha tod sanege ham
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