ओ रब्बा कोई तो बताए प्यार होता है क्या जैसा मुझे हो गया सबको होता हो क्या ये कौन आया लगे मन भाया ज़िन्दगी के पास मुझे कौन ले आया ओ रब्बा कोई तो बताए चैन होता है क्या जैसा मेरा खो गया सबका खोता हो क्या ख़यालों के बाग़ों में मैं जब खड़ी थी तभी एक गुल ने आवाज़ दी थी कली सी महकने लगी तू क्यों गोरी छलकने लगी क्यों ये गागर तोरी फूल पूँछता रहा मैं सोचती रही रात ढ़लती रही मैं सोचती रही ओ रब्बा कोई तो बताए रूप होता है क्या जैसा मेरा खिल गया सबका खिलता है क्या हम तो ऊंचे गगन में उड़ने लगे एक दूजे से जैसे जुड़ने लगे ओ रब्बा कोई तो बताए मीत होता है क्या जैसा मुझे मिल गया सबको मिलता है क्या#MadhuriDixit #JackieShroff
O rabba koi to bataae pyaar hota hai kya Jaisa mujhe ho gaya sabako hota ho kya Ye kaun aya lage man bhaaya Zindagi ke paas mujhe kaun le aya O rabba koi to bataae chain hota hai kya Jaisa mera kho gaya sabaka khota ho kya Khayaalon ke baagon men main jab khadi thi Tabhi ek gul ne awaaz di thi Kali si mahakane lagi tu kyon gori Chhalakane lagi kyon ye gaagar tori Ful punchhata raha main sochati rahi Raat ढ़alati rahi main sochati rahi O rabba koi to bataae rup hota hai kya Jaisa mera khil gaya sabaka khilata hai kya Ham to unche gagan men udane lage Ek duje se jaise judane lage O rabba koi to bataae mit hota hai kya Jaisa mujhe mil gaya sabako milata hai kya
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