फिर नज़र से पिला दीजिए होश मेरे उड़ा दीजिए छोड़िए दुश्मनी की रविश अब ज़रा मुस्कुरा दीजिए बात अफ़साना बन जाएगी इस कदर मत हवा दीजिए आईए खुल के मिलिए गले सब तकल्लुफ़ हटा दीजिए कब से मुश्ताक़-ए-दीदार हूँ अब तो जलवा दिखा दीजिए
Fir nazar se pila dijie Hosh mere uda dijie Chhodie dushmani ki rawish Ab zara muskura dijie Baat afasaana ban jaaegi Is kadar mat hawa dijie Aie khul ke milie gale Sab takalluf hata dijie Kab se mushtaaq-e-didaar hun Ab to jalawa dikha dijie
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