अगर दिल किसी से लगाया न होता ज़माने ने हमको मिटाया न होता गिराना ही था तूने आंसू समझ के तो नज़रों में हमको बसाया न होता मुक़द्दर में गर यही रुसवाइयां थी तो महफ़िल में तेरी मैं आया न होता अगर तेरे दामन की हसरत न होती तो यूँ ज़िन्दगी को लुटाया न होता
Agar dil kisi se lagaaya n hota Zamaane ne hamako mitaaya n hota Giraana hi tha tune ansu samajh ke To nazaron men hamako basaaya n hota Muqaddar men gar yahi rusawaaiyaan thi To mahafil men teri main aya n hota Agar tere daaman ki hasarat n hoti To yun zindagi ko lutaaya n hota
geetmanjusha.com © 1999-2020 Manjusha Umesh | Privacy | Community Guidelines