शेख़ जी थोड़ी सी पी कर आईये मय है क्या शै फिर हमें बतलाइए आप क्यों हैं सारी दुनिया से जुदा आप भी दुश्मन मेरे बन जाइए क्या है अच्छा क्या बुरा बंदा नवाज़ आप समझें तो हमें समझाइए जाने दीजे अक्ल की बातें जनाब दिल की सुनिये और पीते जाइए उलझने दुनिया की सुलझा लेंगे हम आप अपनी ज़ुल्फ़ तो सुलझाइए
Shekh ji thodi si pi kar aiye May hai kya shai fir hamen batalaaie Ap kyon hain saari duniya se juda Ap bhi dushman mere ban jaaie Kya hai achchha kya bura bnda nawaaz Ap samajhen to hamen samajhaaie Jaane dije akl ki baaten janaab Dil ki suniye aur pite jaaie Ulajhane duniya ki sulajha lenge ham Ap apani zulf to sulajhaaie
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