ओ साथी रे, दिन डूबे ना आ चल दिन को रोकें धूप के पीछे दौड़ें छाँव छुए ना थका थका सूरज जब नदी से होकर निकलेगा हरी हरी काई पे पाँव पडा तो फिसलेगा तुम रोक के रखना मैं जाल गिराऊँ तुम पीठ पे लेना मैं हाथ लगाऊँ दिन डूबे ना... तेरी मेरी अट्टी बट्टी दांत से काटी कट्टी रे जईयो ना...ओ पीहू रे ओ पीहू रे...ना जईयो ना कभी कभी यूँ करना, मैं डाँटू और तुम डरना उबल पड़े आँखों से मीठे पानी का झरना तेरे दोहरे बदन में सिल जाऊँगी रे जब करवट लेगा छिल जाऊँगी रे संग ले जाऊँगा तेरी मेरी अंगनी मंगनी अंग संग लागी संगनी, संग ले जाऊँ ओ पीहू रे...#KareenaKapoor #AjayDevgan #VishalBhardwaj
O saathi re, din dube na A chal din ko roken Dhup ke pichhe dauden Chhaanw chhue na Thaka thaka suraj jab nadi se hokar nikalega Hari hari kaai pe paanw pada to fisalega Tum rok ke rakhana main jaal giraaun Tum pithh pe lena main haath lagaaun Din dube na... Teri meri atti batti Daant se kaati katti Re jiyo na...o pihu re O pihu re...na jiyo na Kabhi kabhi yun karana, main daantu aur tum darana Ubal pade ankhon se mithhe paani ka jharana Tere dohare badan men sil jaaungi re Jab karawat lega chhil jaaungi re Sng le jaaunga Teri meri angani mngani Ang sng laagi sngani, sng le jaaun O pihu re...
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