दिल शाद था के फूल खिलेंगे बहार में मारा गया गरीब इस ही ऐतबार में मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता अगर तूफां नही आता किनारा मिल गया होता न था मंजूर किस्मत को, न थी मर्ज़ी बहारों की नहीं तो इस गुलिस्ताँ में, कमी थी क्या नज़ारों की मेरी नज़रों को भी कोई नज़ारा मिल गया होता खुशी से अपनी आँखों को मैं अश्कों से भीगो लेता मेरे बदले तू हस लेती, तेरे बदले मैं रो लेता मुझे ऐ काश तेरा दर्द सारा मिल गया होता मिली है चाँदनी जिनको, ये उनकी अपनी किस्मत है मुझे अपने मुक़द्दर से फकत इतनी शिकायत है मुझे टूटा हुआ कोई सितारा मिल गया होता#Sadhana #RajendraKumar
Dil shaad tha ke ful khilenge bahaar men Maara gaya garib is hi aitabaar men Mujhe teri mohabbat ka sahaara mil gaya hota Agar tufaan nahi ata kinaara mil gaya hota N tha mnjur kismat ko, n thi marji bahaaron ki Nahin to is gulistaan men, kami thi kya najaaron ki Meri najron ko bhi koi najaara mil gaya hota Khushi se apani ankhon ko main ashkon se bhigo leta Mere badale tu has leti, tere badale main ro leta Mujhe ai kaash tera dard saara mil gaya hota Mili hai chaandani jinako, ye unaki apani kismat hai Mujhe apane mukddar se fakat itani shikaayat hai Mujhe tuta hua koi sitaara mil gaya hota
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