ये जुल्फ कैसी है, जंजीर जैसी है वो कैसी होगी, जिसकी तस्वीर ऐसी है ये आँख कैसी है, हाए तीर जैसी है वो कैसा होगा, जिसकी तस्वीर ऐसी है तुम तो मुझे पसंद हो, क्या मैं तुम्हे पसंद हूँ क्या तुम रज़ामंद हो, मैं तो रज़ामंद हूँ मैं तुम से क्या बोलू, तकदीर कैसी है वो कैसा होगा, जिसकी तस्वीर ऐसी है घूँघट निकाल के पिया, बैठूँगी मैं तो आज से देखो ना इस तरह मुझे, मर जाऊंगी मैं लाज से ये ख्वाब कैसा है, ताबिर कैसी है वो कैसी होगी, जिसकी तस्वीर ऐसी है#JayaBhaduri #AnilDhawan #BasuChatterjee
Ye julf kaisi hai, jnjir jaisi hai Wo kaisi hogi, jisaki taswir aisi hai Ye ankh kaisi hai, haae tir jaisi hai Wo kaisa hoga, jisaki taswir aisi hai Tum to mujhe pasnd ho, kya main tumhe pasnd hun Kya tum razaamnd ho, main to razaamnd hun Main tum se kya bolu, takadir kaisi hai Wo kaisa hoga, jisaki taswir aisi hai Ghunghat nikaal ke piya, baithhungi main to aj se Dekho na is tarah mujhe, mar jaaungi main laaj se Ye khwaab kaisa hai, taabir kaisi hai Wo kaisi hogi, jisaki taswir aisi hai
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