इतनी शक्ती हमे देना दाता मन का विश्वास कमजोर हो ना हम चले नेक रस्ते पे हम से भूलकर भी कोइ भूल हो ना हर तरफ जुल्म है, बेबसी है सहमा सहमा सा हर आदमी है पाप का बोज़ बढ़ता ही जाए जाने कैसे ये धरती थमी है बोझ ममता से तू ये उठा ले तेरी रचना का ही अंत हो ना हम अँधेरे में हैं रोशनी दे खो न दे खुद को ही दुश्मनी से हम सजा पाए अपने किये की मौत भी हो तो सह ले खुशी से कल जो गुजरा है फिर से ना गुजरे आनेवाला वो कल ऐसा हो ना
Itani shakti hame dena daata Man ka wishwaas kamajor ho na Ham chale nek raste pe ham se Bhulakar bhi koi bhul ho na Har taraf julm hai, bebasi hai Sahama sahama sa har adami hai Paap ka boj badhta hi jaae Jaane kaise ye dharati thami hai Bojh mamata se tu ye uthha le Teri rachana ka hi ant ho na Ham andhere men hain roshani de Kho n de khud ko hi dushmani se Ham saja paae apane kiye ki Maut bhi ho to sah le khushi se Kal jo gujara hai fir se na gujare Anewaala wo kal aisa ho na
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