है इसी में प्यार की आबरू वो जफ़ा करे, मैं वफ़ा करूँ जो वफ़ा भी काम ना आ सके तो वो ही कहे के मैं क्या करूँ मुझे ग़म भी उन का अज़ीज है कि उन्हीं की दी हुई चीज़ है यही ग़म है अब मेरी ज़िन्दगी इसे कैसे दिल से जुदा करूँ जो ना बन सके मैं वो बात हूँ जो ना ख़त्म हो मैं वो रात हूँ ये लिखा है मेरे नसीब में यूँ ही शम्मा बन के जला करूँ न किसी के दिल की हूँ आरजू न किसी नज़र की हूँ जुस्तजू मैं वो फूल हूँ जो उदास हो ना बहार आए तो क्या करूँ#MalaSinha #Dharmendra
Hai isi men pyaar ki abaru Wo jafa kare, main wafa karun Jo wafa bhi kaam na a sake To wo hi kahe ke main kya karun Mujhe gam bhi un ka ajij hai Ki unhin ki di hui chij hai Yahi gam hai ab meri zindagi Ise kaise dil se juda karun Jo na ban sake main wo baat hun Jo na khtm ho main wo raat hun Ye likha hai mere nasib men Yun hi shamma ban ke jala karun N kisi ke dil ki hun araju N kisi najr ki hun justaju Main wo ful hun jo udaas ho Na bahaar ae to kya karun
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