तू जिथे मी तिथे स्वप्न वेडे .... आता स्पर्श ओल्या ... वाटा मी न माझी राहिले आता सहज सोपे या उन्हाचे त्या धुक्याला बिलगणे हे असे माझे तुझे अन् त्या ढगांवर चालणे शोधते स्वतःला भेटूनी तुला पण रस्ते नवे नेती कुठे नाही कळे मला तू जिथे मी तिथे स्वप्न वेडे पाहिले आता स्पर्श ओल्या मोकळ्या वाटा मी न माझी राहिले आता सहज सोपे या उन्हाचे त्या धुक्याला बिलगणे हे असे माझे तुझे अन् त्या ढगांवर चालणे गुणगुणावे मी तुला मग तू मला ही सुचावे बोलुनी झाले तरिही खूप काही उरावे बोलणे नको हे सांगणे आता पण मग आपुल्या मौनास काही अर्थ ये नवा अंतरे संपून जावी विरघळावे दुरावे कोण होतो काय झालो ना मिळावे पुरावे सांगणे सुखाचे ऐकवू जगा पण मग आपुल्या नात्यास काही अर्थ ये नवा#ParnaPethe #ChetanChitnis
Tu jithe mi tithe Swapn wede .... ata Sparsh olya ... waata Mi n maajhi raahile ata Sahaj sope ya unhaache tya dhukyaala bilagane He ase maajhe tujhe an tya dhagaanwar chaalane Shodhate swathla bhetuni tula Pan raste nawe neti kuthhe naahi kale mala Tu jithe mi tithe Swapn wede paahile ata Sparsh olya mokalya waata Mi n maajhi raahile ata Sahaj sope ya unhaache tya dhukyaala bilagane He ase maajhe tujhe an tya dhagaanwar chaalane Gunagunaawe mi tula mag tu mala hi suchaawe Boluni jhaale tarihi khup kaahi uraawe Bolane nako he saangane ata Pan mag apulya maunaas kaahi arth ye nawa Antare snpun jaawi wiraghalaawe duraawe Kon hoto kaay jhaalo na milaawe puraawe Saangane sukhaache aikawu jaga Pan mag apulya naatyaas kaahi arth ye nawa
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