क्यों ज़िन्दगी की राह में मजबूर हो गए इतने हुए करीब के हम दूर हो गए ऐसा नहीं के हमको कोई भी खुशी नहीं लेकिन ये ज़िन्दगी तो कोई ज़िन्दगी नहीं क्यों इसके फैसले हमे मंजूर हो गए पाया तुम्हें तो हमको लगा तुमको खो दिया हम दिल पे रोये और ये दिल हम पे रो दिया पलकों से ख़्वाब क्यों गिरे क्यों चूर हो गए#FarooqShaikh #DiptiNaval
Kyon zindagi ki raah men majabur ho ge Itane hue karib ke ham dur ho ge Aisa nahin ke hamako koi bhi khushi nahin Lekin ye zindagi to koi zindagi nahin Kyon isake faisale hame mnjur ho ge Paaya tumhen to hamako laga tumako kho diya Ham dil pe roye aur ye dil ham pe ro diya Palakon se khwaab kyon gire kyon chur ho ge
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