मेघा रे मेघा रे, मत परदेस जा रे आज तू प्रेम का संदेस बरसा रे कहाँ से तू आया, कहाँ जायेगा तू के दिल की अगन से पिघल जायेगा तू धुआं बन गयी है खयालों की महफ़िल मेरे प्यार की जाने कहाँ होगी मंज़िल मेघा रे मेघा रे, मेरे गम की तू दवा रे आज तू प्रेम का संदेस बरसा रे बरसने लगीं हैं बूँदें, तरसने लगा है मन ज़रा कोई बिजली चमकी, लरजने लगा है मन और ना डरा तू मुझको ओ काले काले घन मेरे तन को छू रही है, प्रीत की पहली की पवन मेघा रे मेघा रे, मेरी सुन ले तू सदा रे आज तू प्रेम का संदेस बरसा रे मन का मयूरा आज मगन हो रहा है मुझे आज ये क्या सजन हो रहा है उमंगों का सागर उमड़ने लगा है बाबुल का आँगन बिछड़ने लगा है न जाने कहाँ से हवा आ रही है उड़ा के ये हमको लिये जा रही है ये रुत भीगी भीगी भिगोने लगी है के मीठे से नश्तर चुभोने लगी है चलो और दुनिया बसायेंगे हम तुम ये जन्मों का नाता निभायेंगे हम तुम मेघा रे मेघा रे, दे तू हमको दुआ रे आज तू प्रेम का संदेस बरसा रे#MoushumiChatterjee #Jeetendra
Megha re megha re, mat parades ja re Aj tu prem ka sndes barasa re Kahaan se tu aya, kahaan jaayega tu Ke dil ki agan se pighal jaayega tu Dhuan ban gayi hai khayaalon ki mahafil Mere pyaar ki jaane kahaan hogi mnzil Megha re megha re, mere gam ki tu dawa re Aj tu prem ka sndes barasa re Barasane lagin hain bunden, tarasane laga hai man Jra koi bijali chamaki, larajane laga hai man Aur na dara tu mujhako o kaale kaale ghan Mere tan ko chhu rahi hai, prit ki pahali ki pawan Megha re megha re, meri sun le tu sada re Aj tu prem ka sndes barasa re Man ka mayura aj magan ho raha hai Mujhe aj ye kya sajan ho raha hai Umngon ka saagar umadne laga hai Baabul ka angan bichhadne laga hai N jaane kahaan se hawa a rahi hai Uda ke ye hamako liye ja rahi hai Ye rut bhigi bhigi bhigone lagi hai Ke mithhe se nashtar chubhone lagi hai Chalo aur duniya basaayenge ham tum Ye janmon ka naata nibhaayenge ham tum Megha re megha re, de tu hamako dua re Aj tu prem ka sndes barasa re
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