कोई ये कैसे बताए कि वो तनहा क्यों है वो जो अपना था वही और किसी का क्यों है यही दुनिया है तो फिर ऐसी ये दुनिया क्यों है यही होता है तो आखिर यही होता क्यों है? इक ज़रा हाथ बढ़ा दें तो पकड़ लें दामन उस के सीने में समा जाए हमारी धड़कन इतनी क़ुर्बत है तो फिर फ़ासला इतना क्यों है? दिल-ए-बरबाद से निकला नहीं अब तक कोई इक लुटे घर पे दिया करता है दस्तक कोई आस जो टूट गई फिर से बंधाता क्यों है? तुम मसर्रत का कहो या इसे ग़म का रिश्ता कहते हैं प्यार का रिश्ता है जनम का रिश्ता है जनम का जो ये रिश्ता तो बदलता क्यों है?#ShabanaAzmi #RajKiran #MaheshBhatt
Koi ye kaise bataae ki wo tanaha kyon hai Wo jo apana tha wahi aur kisi ka kyon hai Yahi duniya hai to fir aisi ye duniya kyon hai Yahi hota hai to akhir yahi hota kyon hai? Ik zara haath baढ़a den to pakad len daaman Us ke sine men sama jaae hamaari dhadkan Itani qurbat hai to fir faasala itana kyon hai? Dil-e-barabaad se nikala nahin ab tak koi Ik lute ghar pe diya karata hai dastak koi As jo tut gi fir se bndhaata kyon hai? Tum masarrat ka kaho ya ise gam ka rishta Kahate hain pyaar ka rishta hai janam ka rishta Hai janam ka jo ye rishta to badalata kyon hai?
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