Saumya M's Lyrics

Raat Kali Ek Khwaab Mein Aayee (Dipswaraa) / रात कली एक ख्वाब में आई

रुख्सते शब् की अधूरी अंगड़ाइयों में, छू गए वो रूह को इस गहराई से लिख गए , इस दिल पर नाम वो अपना, बीती रात की स्याही से
रात कली एक ख्वाब में आई और गले का हार हुई सुबह को जब हम नींद से जागे आँख उन्हीं से चार हुई रात कली एक ख्वाब में आई और गले का हार हुई ... लबों पे सुर्खी, नैनों में मस्ती बस जाये सपनों का डेरा रोज़ उठूं जब, देखता तुमको दिन शुरू हो तब मेरा, सादगी पढ़ लूँ, चुप्पी पकड़ लूँ दिल की मेरी हकदार हुई रात कली एक ख्वाब में आई और गले का हार हुई ... साँसों में कम्पन,धड़कन में रंजन बागों में फूलों का घेरा चाल में थिरकन, झूमे ये यौवन कल लगे और सुनहरा कस के पकड़ लूँ, बाहों में भर लूँ मंशा मेरी बेकरार हुई रात कली एक ख्वाब में आई और गले का हार हुई ... झाकियां फूलों की, पालकी झूलों की होते हैं हरदम न्यारे पर सोचो कभी, क्या जग में सभी बनते हैं दुःख के सहारे? तुमने जो कह दिया, हामी जो भर दिया दिल ही दिल ये करार हुई रात कली एक ख्वाब में आई और गले का हार हुई ...

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गीतकार : -, गायक : -, संगीतकार : -, गीत संग्रह / चित्रपट : - / Lyricist : -, Singer : -, Music Director : -, Movie : -

Saumya M Lyrics Submitted By

Saumya M

October 24 2017

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