Vivekanand Nayak

Vivekanand Nayak's Lyrics

dil dhoondta hain / दिल ढूँढता हैं

दिल ढूँढता हैं फिर वही फुर्सत के रात दिन
बैठे रहें तसवुरे जाना किया हुवे

जाड़ों की नरम धुप और आँगन में लेटकर 
आँखों पर खींचके तेरे आँचल के साये को
औंधे पड़े रहे कभी कर्वट लिए हुए 

या गर्मियों की रात जो पुरवाइयां चले
ठंडी सफ़ेद चादरों पे जागें देर तक
तारों को देखते हुए छत पर पड़े हुवे

बर्फीली सर्दियों में किसी भी पहाड़ पर 
वादि में गूंजती हुई खामोशियाँ सुने 
आँखों में भीगे भीगे से लम्हे लिए हुए
Yogesh liked this

Additional Information

: -,संगीतकार : -,Bhupinder : -, गीत संग्रह / चित्रपट : -/ gulzaar : -, Music Director : -, Bhupinder : -, Mausam : -

Vivekanand Nayak Lyrics Submitted By

Vivekanand Nayak

Vivekanand Nayak

January 26 2013

geetmanjusha.com © 1999-2020 Manjusha Umesh | Privacy | Community Guidelines