शब्-ए-शबनम सी आहट लिए वो आये दबे पाओं इस कदर सितारे जगमगा उठे सभी रह गये अवाक, हम दर-बदरहो हो हो हो .... खोया खोया चाँद, खुला आसमान आँखों में सारी रात जायेगी तुमको भी कैसे नींद आएगी ? हो हो .. खोया खोया चाँद, खुला आसमान आँखों में सारी रात जायेगी तुमको भी कैसे नींद आएगी ? हो हो .. खोया खोया चाँद... घटाएं गिरीं, उमंगें उठीं झिलमिल गईं, धरा पर नदी दिल की खुली, हर एक हथकड़ी, चुपके से आ जाओ || हो हो हो हो हो.... खोया खोया चाँद, खुला आसमान आँखों में सारी रात जायेगी तुमको भी कैसे नींद आएगी ? हो हो .. खोया खोया चाँद... मुसाफिर चले, तबस्सुम लिये, रुक रुक कभी वो हाला पिये शब् के तले, शमाए दिये, बाहारों में मिल जाओ || हो हो हो हो हो.... खोया खोया चाँद, खुला आसमान आँखों में सारी रात जायेगी तुमको भी कैसे नींद आएगी ? हो हो .. खोया खोया चाँद... हो हो हो हो हो हो हो हो.. हो हो हो... हो हो हो हो हो हो हो.. नगमों की रात, ज़ज़्बों की रात, मन में लिये है निर्झर सी बात निकले हैं हम, गुजारिश लिये, अब ना यूँ सताओ || हो हो हो हो हो.... खोया खोया चाँद, खुला आसमान आँखों में सारी रात जायेगी तुमको भी कैसे नींद आएगी ? हो हो .. खोया खोया चाँद... खुशियों परे, जुस्तजू लिये अधूरे थे हम, आशना बने मुहब्बत में तेरे, फनहा हुए, अब तो मान भी जाओ || हो हो हो हो हो.... खोया खोया चाँद, खुला आसमान आँखों में सारी रात जायेगी तुमको भी कैसे नींद आएगी ? हो हो .. खोया खोया चाँद... खोया खोया चाँद... खोया खोया चाँद... खोया खोया चाँद... खोया खोया चाँद... खोया खोया चाँद...
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