राह बनी खुद मंजिल, पीछे रह गई मुश्किल
हेमंत कुमार, कैफी आझमी, हेमंत कुमार, कोहरा (1964)
राह में उनसे मुलाकात हो गई
अलका याज्ञिक - कुमार सानू, अनू मलिक, विजयपथ (1994)
राह पे रहते हैं, यादों पे बसर करते हैं
किशोर कुमार, गुलजार, राहुलदेव बर्मन, नमकीन (1982)
रात और दिन दिया जले मेरे मन में फिर भी अंधियारा हैं
लता मंगेशकर, हसरत जयपुरी, शंकर जयकिशन, रात और दिन (1967)
रात और दिन दिया जले
मुकेश, हसरत जयपुरी, शंकर जयकिशन, रात और दिन (1967)
रात हमारी तो चाँद की सहेली हैं
चित्रा, स्वानंद किरकिरे, शंतनू मित्रा, परिणीता (2005)
रात का नशा अभी आँख से गया नहीं
चित्रा, गुलजार, अनू मलिक,
रात का समा, झूमे चंद्रमा
लता मंगेशकर, हसरत जयपुरी, सचिनदेव बर्मन, जिद्दी (1964)
रात के हमसफर, थक के घर को चले
आशा - रफी, शैलेन्द्र, शंकर जयकिशन, इव्हिनिंग इन पॅरिस (1967)
रात ने क्या क्या ख्वाब दिखाए
तलत मेहमूद, शैलेन्द्र, सलील चौधरी, एक गांव की कहानी
राधा कैसे ना जले
आशा - उदित नारायण, जावेद अख्तर, ए. आर. रहमान, लगान (2001)
रहा गर्दिशों में हरदम, मेरे इश्क का सितारा
मोहम्मद रफी, शकिल बदायुनी, रवी, दो बदन (1966)
रहे ना रहे हम, महका करेंगे
लता मंगेशकर, मजरुह सुलतानपुरी, रोशन, ममता (1966)
राही मनवा दुख की चिंता क्यों सताती हैं
मोहम्मद रफी, मजरुह सुलतानपुरी, लक्ष्मीकांत प्यारेलाल, दोस्ती (1964)
रहते थे कभी जिन के दिल में, हम जान से भी प्यारों की तरह
लता मंगेशकर, मजरुह सुलतानपुरी, रोशन, ममता (1966)