वक्त करता जो वफ़ा, आप हमारे होते हम भी औरों की तरह आप को प्यारे होते अपनी तकदीर में पहले ही से कुछ तो गम हैं और कुछ आप की फितरत में वफ़ा भी कम हैं वरना जीती हुयी बाजी तो ना हारे होते दम घूटा जाता हैं सीने में फिर भी ज़िंदा हैं तुम से क्या, हम तो जिन्दगी से भी शरमिंदा हैं मर ही जाते ना जो यादों के सहारे होते